09 January 2024

अचार संरक्षण के सिद्धांत

 

अचार संरक्षण के सिद्धांत

विजय कुमार शाह

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भारत में अचार उद्योग अभी भी मुख्यतः छोटे स्तर के उत्पादकों के नियंत्रण में है । ये लोग अपने पारंपरिक पुश्तैनी विधि और मिस्त्री की सलाह से अचार का उत्पादन करते हैं । इनके बनाए अचार स्वादिष्ट तो होते हैं, पर अकसर इन्हें उसके संरक्षण के लिए आवश्यक वैज्ञानिक जानकारी का अभाव होता है । इस आलेख में इस पहलू पर चर्चा की गई है । संक्षेप में विभिन्न प्रकार के अचार को संरक्षित रखने के लिए आवश्यक मान दण्ड निम्न हैं –

नमक

खटास

pH

ब्रिक्स

टिकने का मुख्य कारण

1

तेल वाले अचार

 12 - 15

1.8 -2.5

2.3 - 3.0

-

कम नमी, कम pH, कम Eh

2

बिना तेल के अचार

15 - 16

2.0 - 2.5

2.3 - 3.0

-

कम नमी, कम pH, कम Eh

3

मीठा देशी अचार

1.5 - 2.5

1 - 2

< 3.0

65 - 68

कम नमी, कम pH

4

मैंगो चटनी (निर्यात)

2 - 2.5

1- 1.5%

2.3 - 2.6

60

कम नमी, कम pH, ऐसीटिक ऐसिड

5

सिरके में अचार

4

2.5 - 3

< 2.5

-

कम pH, ऐसीटिक ऐसिड

6

सिरके में ताजी सब्जी का अचार

2.5 - 3.0

0.6 - 0.8

< 3.5

-

पासचुराइज, कम pH

7

लैक्टिक किण्वित सिरका रहित अचार

2.0 - 3.5

0.6 - 2.0

3.5 - 4.5

-

प्रतिस्पर्धी जीव और कम तापमान

8

टुकड़े नमक के घोल में

16 - 20

1 - 2

< 3.5

-

कम नमी, कम pH, कम Eh

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